By पं. नीलेश शर्मा
चतुर्थ भाव में चन्द्रमा के पारिवारिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक प्रभावों का विस्तृत विश्लेषण
चतुर्थ भाव में स्थित चन्द्रमा व्यक्ति के भावनात्मक और मानसिक जीवन में विशेष भूमिका निभाता है। यह
स्थिति माँ के प्रति आत्मिक लगाव और परिवार के साथ गहरे संबंधों का संकेत देती है। ऐसे जातकों में
स्वाभाविक रूप से उदारता, सरलता और प्रसन्नचित्त प्रवृत्ति देखने को मिलती है। अधिकतर समय मानसिक
शांति का अनुभव होता है, हालांकि कुछ परिस्थितियों में यह स्थिरता अस्थायी रूप से प्रभावित हो सकती है।
इस भाव का चन्द्रमा जीवन में विषय सुख और आराम के प्रति रुचि बढ़ाता है।
चतुर्थ भाव में चन्द्रमा के प्रभाव से आरामदायक घर, उत्तम वाहन, अच्छे मित्र और अचल संपत्ति जैसी
सुविधाएं अपेक्षाकृत आसानी से प्राप्त होती हैं। जलीय स्थलों के समीप रहना या वहां की यात्रा करना आनंद देता है।
जीवन में कई बार घर बदलने की संभावना भी रहती है। लोकप्रियता इन जातकों का एक प्रमुख गुण होता है, और वे आजीवन लोगों के प्रिय बने रहते हैं। जीवनसाथी भी सामान्यतः लोकप्रिय और लोगों का प्रिय होता है।
क्रमांक | क्षेत्र |
---|---|
1 | माँ द्वारा पोषण और स्नेह |
2 | पारिवारिक ज्ञान और परंपरा की विरासत |
3 | जीवन के चारित्रिक अनुभव |
4 | परिवहन साधन और सुविधा |
5 | मित्रता और सामाजिक संबंध |
6 | भोजन, आहार और पाचन |
7 | नींद की आदतें |
8 | मवेशियों का संरक्षण और दुग्ध उत्पादन |
इस भाव के फल इसके स्वामी की स्थिति और चन्द्रमा के अन्य ग्रहों से संबंधों पर निर्भर करते हैं। मेष, वृश्चिक, मकर या कुंभ राशि में चतुर्थ भाव का चन्द्रमा अपेक्षाकृत कम शुभ फल देता है। यदि मंगल और शनि से विरोधी दृष्टि हो, तो परिणाम और भी कमजोर हो सकते हैं। नवमांश कुंडली भी इस स्थिति के प्रभाव में अहम भूमिका निभाती है।
वृषभ, कर्क, कन्या या मीन राशि में चन्द्रमा होने पर व्यक्ति को वाहन सुविधा का सहज लाभ मिलता है।
परिवार, जीवनसाथी या नियोक्ता के स्वामित्व वाले वाहन का भी उपयोग संभव है। यदि मंगल या शनि का शासन चतुर्थ भाव पर न हो और चन्द्रमा इन ग्रहों या राहु के अशुभ प्रभाव में न हो, तो दुर्घटनाओं की संभावना कम रहती है।
इन जातकों को मिठाइयों और पेय पदार्थों का विशेष आकर्षण होता है, जिससे वजन बढ़ सकता है।
अन्यथा उनकी खाने की आदतें सामान्यतः संतुलित होती हैं। धार्मिक कारणों से नहीं बल्कि चिकित्सकीय आवश्यकता के कारण उपवास करने की प्रवृत्ति देखी जाती है।
यदि चन्द्रमा मेष, वृश्चिक, मकर या कुंभ राशि में न हो और कठोर ग्रहों से प्रभावित न हो, तो नींद सामान्य रहती है।
मंगल, शनि या सूर्य जैसे ग्रह माता और जीवनसाथी के सुख में कमी ला सकते हैं और बचपन तथा वैवाहिक जीवन को प्रभावित कर सकते हैं।
ये जातक अपने मित्रों के प्रति निष्ठावान और सहयोगी होते हैं। जीवन के बाद के वर्षों में मित्रता का दायरा छोटा होकर सीमित हो सकता है, विशेषकर विवाह के बाद। संपत्ति मामलों में वे कम संपत्ति में भी संतुष्ट रहते हैं, हालांकि विरासत, उपहार या सेवा कार्यों के पुरस्कार के रूप में लाभ मिल सकता है।
इन व्यक्तियों का झुकाव समाज सेवा की ओर होता है। उनके कार्यों में शामिल हो सकते हैं:
अनुभव: 25
इनसे पूछें: करियर, पारिवारिक मामले, विवाह
इनके क्लाइंट: छ.ग., म.प्र., दि.
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