By पं. नीलेश शर्मा
जानिए कालिया नाग, श्रीकृष्ण के साहस और यमुना के शुद्धिकरण की मार्मिक कथा, जो अहंकार और नकारात्मकता पर विजय का प्रतीक है।
भारतीय पौराणिक कथाओं में कालिया नाग की कथा साहस, करुणा और आध्यात्मिक संदेश से भरी है। यह कथा श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं में सबसे प्रसिद्ध और प्रेरक मानी जाती है। कालिया नाग का यमुना नदी में रहना, उसका विष फैलाना, श्रीकृष्ण द्वारा उसका दमन और अंत में क्षमा - यह सब जीवन में बुराई, अहंकार और नकारात्मकता पर विजय का प्रतीक है।
घटना | विवरण |
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कालिया नाग का वास | यमुना नदी, गरुड़ से शत्रुता के कारण |
यमुना का विषाक्त होना | जल, जीव-जंतु, पेड़-पौधों का नाश |
श्रीकृष्ण का दमन | कालिया के फनों पर नृत्य, पराजय और क्षमा |
नाग पत्नियों की प्रार्थना | श्रीकृष्ण से पति की रक्षा की विनती |
श्रीकृष्ण का आदेश | कालिया को यमुना छोड़ने और समुद्र में जाने का आदेश |
यमुना का शुद्धिकरण | जल फिर से निर्मल, ब्रजवासियों को राहत |
कालिया नाग की कथा केवल पौराणिक नहीं, बल्कि आज के जीवन के लिए भी उतनी ही प्रासंगिक है। यह कहानी सिखाती है कि जीवन में जब भी विष (नकारात्मकता, अहंकार, बुराई) फैल जाए, तो साहस, करुणा और ईश्वर की शरण से उसका अंत संभव है।
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