By पं. नीलेश शर्मा
जानिए नागलोक के रहस्य और आठ प्रमुख नागों की उत्पत्ति की कथा, भारतीय सांस्कृतिक विरासत का विशिष्ट हिस्सा।
भारतीय संस्कृति, वेदों और पुराणों में नागलोक और नागों की कथाएँ रहस्य, शक्ति और गूढ़ता से भरी हैं। नागलोक को पाताल लोक का एक दिव्य, भव्य और रहस्यमय क्षेत्र माना गया है, जहाँ नाग जाति का निवास है। नागों के आठ प्रमुख कुल - शेष, वासुकी, तक्षक, कर्कोटक, कालिया, मणिभद्र, ऐरावत, धनंजय - न केवल पौराणिक कथाओं में, बल्कि भारतीय लोकमानस में भी गहरे रचे-बसे हैं। आइए, नागलोक के रहस्य और इन आठ प्रमुख नागों की उत्पत्ति की कथाओं को विस्तार से जानें।
(कुछ ग्रंथों में पद्म, महापद्म, शंख, कुलिक आदि नाम भी मिलते हैं, लेकिन उपर्युक्त आठ नाग सबसे प्रसिद्ध हैं)
नाग | उत्पत्ति/कथा | विशेषता/महत्व |
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शेष (अनंत) | कद्रू के सबसे ज्येष्ठ पुत्र, ब्रह्मा के वरदान से पृथ्वी को फन पर धारण किया | भगवान विष्णु की शय्या, अनंतता, संतुलन, लक्ष्मण और बलराम के रूप में अवतार |
वासुकी | शेष के छोटे भाई, शिव के गले में आभूषण, समुद्र मंथन में रस्सी बने | शिवभक्ति, त्याग, नागों के राजा, समुद्र मंथन के नायक |
तक्षक | कद्रू और कश्यप के पुत्र, महाभारत में परीक्षित वध, जनमेजय के नाग यज्ञ से बचाव | शक्ति, प्रतिशोध, अस्तित्व की रक्षा, इंद्र की शरण |
कर्कोटक | कद्रू के पुत्र, शिव की तपस्या, कर्कोटेश्वर शिवलिंग में समाहित | तपस्या, भक्ति, राजा नल को डसना, जीवन में परिवर्तन |
कालिया | यमुना में वास, श्रीकृष्ण द्वारा दमन, क्षमा पाकर समुद्र में गया | अहंकार का अंत, श्रीकृष्ण की करुणा, यमुना का शुद्धिकरण |
मणिभद्र | वासुकी के वंशज, उज्जैन में मणिभद्र मंदिर, नागों के रक्षक | नागों के कल्याणकर्ता, भक्तों की रक्षा, लोकदेवता |
ऐरावत | कद्रू के पुत्र, इंद्र के हाथी के रूप में प्रसिद्ध, समुद्र मंथन से उत्पन्न | इंद्र का वाहन, शक्ति, ऐश्वर्य, जल का प्रतीक |
धनंजय | कद्रू के पुत्र, नागों के अष्टकुल में स्थान, नागपंचमी पर पूजा | समृद्धि, नागों की रक्षा, लोककथाओं में प्रसिद्ध |
नागलोक और नागों की उत्पत्ति की ये कथाएँ केवल पौराणिक नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, लोकमानस और जीवन-दर्शन का अभिन्न हिस्सा हैं। ये कथाएँ हमें सिखाती हैं कि शक्ति, संतुलन, भक्ति, सेवा और आत्मरक्षा के बिना जीवन अधूरा है।
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