By पं. संजीव शर्मा
धर्म और अधर्म के संघर्ष में अदिति की तपस्या और विष्णु के वामन अवतार की कथा हमें आशा, पुनरुत्थान और न्याय की प्रेरणा देती है।
हिंदू पौराणिक कथाओं में अदिति और कश्यप की कथा केवल सृष्टि के आरंभ की कहानी नहीं, बल्कि धर्म-अधर्म के संघर्ष, मातृत्व की शक्ति और ईश्वर की करुणा का गूढ़ संदेश है। देवता और असुरों के बीच का यह संग्राम, अदिति की तपस्या और विष्णु के वामन अवतार के माध्यम से, जीवन में आशा, पुनरुत्थान और न्याय की प्रेरणा देता है।
अदिति को वेदों में "असीम", "बंधनरहित" और "मुक्ति की देवी" कहा गया है। वे अनंत आकाश, स्वतंत्रता और मातृत्व का प्रतीक हैं। कश्यप ऋषि, अदिति के पति, प्राचीनतम सप्तर्षियों में से एक हैं। अदिति और कश्यप के पुत्रों को "आदित्य" कहा जाता है-ये सूर्य, इंद्र, वरुण, पूषा आदि देवता हैं, जो ब्रह्मांड के नियम, प्रकाश और धर्म के रक्षक हैं।
अदिति और कश्यप के पुत्र देवता और दिति (अदिति की बहन) के पुत्र असुर, सृष्टि के आरंभ से ही शक्ति, स्वर्ग और धर्म के लिए संघर्ष करते रहे। कई बार असुरों ने देवताओं को पराजित कर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया, जिससे सृष्टि में असंतुलन और अराजकता फैल गई।
अदिति ने अपने पुत्रों की रक्षा और धर्म की पुनर्स्थापना के लिए कठोर तपस्या की। उन्होंने भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि वे देवताओं को पुनः उनका स्थान दिलाएँ। अदिति की करुणा, धैर्य और तपस्या से प्रसन्न होकर विष्णु ने वचन दिया कि वे स्वयं अदिति के गर्भ से जन्म लेंगे।
यह कथा केवल एक धर्मयुद्ध नहीं, बल्कि मातृत्व की शक्ति, तपस्या की महिमा और ईश्वर की करुणा का संदेश है।
विषय | विवरण |
---|---|
अदिति और कश्यप | देवताओं की माता-पिता, आदित्य देवों के जनक |
देवासुर संग्राम | धर्म और अधर्म का संघर्ष, स्वर्ग की रक्षा |
अदिति की तपस्या | करुणा, धैर्य, मातृत्व की शक्ति |
विष्णु का वामन अवतार | देवताओं की रक्षा, धर्म की पुनर्स्थापना |
पुनर्वसु नक्षत्र | पुनः समृद्धि, आशा, नई शुरुआत |
अदिति, कश्यप और देवासुर संग्राम की यह कथा केवल पौराणिक आख्यान नहीं, बल्कि हर युग, हर जीवन, हर संघर्ष में धर्म, न्याय और पुनरुत्थान की प्रेरणा है। अदिति की तपस्या, विष्णु का अवतार और देवताओं की विजय-यह सब हमें सिखाता है कि धैर्य, विश्वास और सच्ची साधना से हर संकट के बाद आशा और प्रकाश लौटता है। पुनर्वसु नक्षत्र का यही संदेश है-हर अंधकार के बाद नई शुरुआत, हर हार के बाद नई विजय।
अनुभव: 15
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इनके क्लाइंट: दि., उ.प्र., म.हा.
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