By पं. नीलेश शर्मा
गुप्त नवरात्रि में सिद्धि और आत्मिक जागरण की शक्ति, दस महाविद्याओं की साधना और जीवन बदलने वाली कथा
गुप्त नवरात्रि, सनातन धर्म की एक अत्यंत रहस्यमयी और शक्तिशाली साधना का पर्व है, जिसे तंत्र, मंत्र, सिद्धि और गहन शक्ति उपासना के लिए जाना जाता है। यह पर्व उन साधकों के लिए विशेष है जो मां दुर्गा के गूढ़ स्वरूपों, दस महाविद्याओं और ब्रह्मांडीय ऊर्जा के रहस्यों से जुड़ना चाहते हैं। गुप्त नवरात्रि में की गई साधना, प्रकट नवरात्रि से कहीं अधिक शीघ्र और प्रभावशाली मानी जाती है।
इस वर्ष गुप्त नवरात्रि का आरंभ ध्रुव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे शुभ संयोगों में हो रहा है, जिससे साधना की सिद्धि और फलदायकता कई गुना बढ़ जाती है।
गुप्त नवरात्रि का अर्थ है-"गोपनीय साधना की रात्रि"। यह पर्व मुख्य रूप से तांत्रिक, साधक, अघोरी और वे साधक मनाते हैं जो मां दुर्गा की दस महाविद्याओं की साधना द्वारा गूढ़ सिद्धियां प्राप्त करना चाहते हैं।
एक समय की बात है, जब ऋषि श्रृंगी अपने आश्रम में भक्तों को दर्शन दे रहे थे। एक स्त्री, जिसका पति व्यसनों में डूबा था, ऋषि के पास आई और बोली, "महाराज! मैं धर्म-कर्म और भक्ति करना चाहती हूं, लेकिन मेरे पति मांसाहारी, जुआरी और अधार्मिक हैं। मुझे कोई उपाय बताइए जिससे मेरा जीवन सुधर जाए।"
ऋषि श्रृंगी ने कहा, "जैसे चैत्र और शारदीय नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा होती है, वैसे ही गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। यह साधना गुप्त और गोपनीय होती है। यदि तुम श्रद्धा और विधिपूर्वक गुप्त नवरात्रि की पूजा करो, तो देवी तुम्हारे जीवन को सुख-शांति और समृद्धि से भर देंगी।"
उस महिला ने ऋषि के बताए अनुसार गुप्त नवरात्रि की साधना की। कुछ ही समय में उसके जीवन में सुख-शांति लौट आई, पति भी धर्म के मार्ग पर आ गया। इस कथा से यह संदेश मिलता है कि गुप्त नवरात्रि में साधना करने से असंभव भी संभव हो सकता है।
स्नान और शुद्धता
घटस्थापना
मां दुर्गा और दस महाविद्याओं की पूजा
दुर्गा सप्तशती का पाठ
व्रत और संयम
कन्या पूजन और दान:
गुप्त नवरात्रि का पर्व केवल तंत्र या मंत्र की साधना नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि, मन की शक्ति और भीतर छुपी दिव्य ऊर्जा के जागरण का पर्व है। यह नौ दिन साधक को आत्मनिरीक्षण, संयम, श्रद्धा और साधना का अमूल्य अवसर देते हैं। मां दुर्गा की दस महाविद्याओं की उपासना से साधक को जीवन के हर क्षेत्र में विजय, सुरक्षा, सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गुप्त नवरात्रि 2025, 26 जून से 4 जुलाई तक, साधकों और भक्तों के लिए सिद्धि, शक्ति, आत्मिक जागरण और जीवन की हर बाधा से मुक्ति का द्वार खोलती है। यह पर्व हमें सिखाता है कि गोपनीयता, संयम, श्रद्धा और साधना से मां दुर्गा की कृपा अवश्य प्राप्त होती है। इन नौ दिनों में साधना, सेवा, दान और भक्ति से अपने जीवन को मंगलमय और शक्तिशाली बनाएं-मां दुर्गा की असीम शक्ति और करुणा आपके जीवन को आलोकित करे।
अनुभव: 25
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