By पं. अमिताभ शर्मा
जानें अनंत चतुर्दशी 2025 की तिथि, पूजा विधि, महत्व और गणेश विसर्जन के अनुष्ठान
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। वर्ष 2025 में यह व्रत और पर्व शनिवार, 6 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन सुबह से लेकर देर रात तक पूजा का विशेष महत्व रहेगा।
अनंत चतुर्दशी भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की उपासना का पर्व है। ‘अनंत’ का अर्थ है असीम और अनश्वर शक्ति। इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी आराधना की जाती है। यह दिन गणेश उत्सव के समापन का दिन भी है, जब देशभर में धूमधाम से गणेश विसर्जन होता है।
मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से समृद्धि, सौभाग्य और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही 14 गांठों वाला अनंत सूत्र धारण करने से जीवन में स्थायित्व, सुरक्षा और दिव्य कृपा प्राप्त होती है।
अनंत सूत्र इस व्रत का मुख्य अंग है। यह सूत्र जीवन की 14 प्रमुख बाधाओं से रक्षा का प्रतीक है। इसे धारण करने से मनुष्य को मानसिक शांति, पारिवारिक सुख, आर्थिक स्थिरता और स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
गांठों की संख्या | प्रतीकात्मक अर्थ |
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14 गांठें | जीवन की 14 लोकिक और पारलौकिक बाधाओं से रक्षा |
दाहिने हाथ में बांधना | पुरुषों के लिए धर्म और कर्तव्य की शक्ति |
बाएं हाथ में बांधना | महिलाओं के लिए सौभाग्य और समृद्धि की वृद्धि |
अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश उत्सव का समापन होता है। इस दिन भव्य शोभायात्राओं और भक्तिभाव से गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। इसे विरह और पुनर्मिलन का उत्सव भी माना जाता है। भक्त अपने प्रिय गणपति को विदाई देते हैं और अगले वर्ष पुनः आगमन का आशीर्वाद मांगते हैं।
अनंत चतुर्दशी जीवन में धैर्य, विश्वास और अनंत भक्ति का संदेश देती है। भगवान विष्णु और गणेश जी की कृपा से मनुष्य का जीवन संतुलित, सुरक्षित और समृद्ध होता है। इस दिन का व्रत केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं बल्कि जीवन को अनुशासित और आध्यात्मिक बनाने का संकल्प है।
प्रश्न 1: अनंत चतुर्दशी 2025 कब है?
उत्तर: यह व्रत 6 सितंबर 2025, शनिवार को मनाया जाएगा।
प्रश्न 2: अनंत सूत्र किस हाथ में बांधा जाता है?
उत्तर: पुरुष दाहिने हाथ में और महिलाएं बाएं हाथ में अनंत सूत्र बांधती हैं।
प्रश्न 3: इस दिन कौन-कौन सी देवताओं की पूजा की जाती है?
उत्तर: भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा होती है, साथ ही गणेश विसर्जन भी किया जाता है।
प्रश्न 4: अनंत सूत्र में कितनी गांठें होती हैं और क्यों?
उत्तर: इसमें 14 गांठें होती हैं, जो जीवन की 14 प्रमुख बाधाओं से रक्षा का प्रतीक हैं।
प्रश्न 5: इस व्रत का प्रमुख लाभ क्या है?
उत्तर: यह व्रत मनोकामना पूर्ति, समृद्धि और दिव्य कृपा प्राप्त कराने वाला माना जाता है।
अनुभव: 32
इनसे पूछें: जीवन, करियर, स्वास्थ्य
इनके क्लाइंट: छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश
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