By पं. अमिताभ शर्मा
ऋषि पंचमी 2025 की तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और सप्तऋषियों के महत्व की विस्तृत जानकारी
वैदिक पंचांग के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी व्रत का पालन किया जाता है। यह तिथि विशेष रूप से महिलाओं के लिए शुद्धि और पापमोचन का अवसर मानी जाती है। वर्ष 2025 में यह व्रत गुरुवार, 28 अगस्त 2025 को रखा जाएगा।
इस दिन श्रद्धापूर्वक पूजा करने से महिलाएँ अज्ञात दोषों से मुक्त होती हैं और जीवन में सुख, शांति तथा समृद्धि का अनुभव करती हैं।
ऋषि पंचमी व्रत केवल एक पर्व नहीं बल्कि आत्मशुद्धि और प्रायश्चित का अवसर है। शास्त्रों में कहा गया है कि अनजाने में भी कई प्रकार के दोष स्त्रियों से हो जाते हैं, विशेष रूप से ऋतु धर्म से संबंधित। इन दोषों का निवारण करने और जीवन को पवित्र बनाने के लिए इस व्रत का विधान किया गया है।
इस दिन उपवास और स्नान के साथ सप्तऋषियों की आराधना करने से जीवन में आध्यात्मिक बल बढ़ता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग सुगम होता है।
ऋषि पंचमी के दिन सप्तऋषियों की पूजा का विशेष महत्व है। सप्तऋषि माने जाते हैं:
इन सातों महापुरुषों को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के स्वरूप माना गया है। श्रद्धा से इनका पूजन करने से पाप नष्ट होते हैं और जीवन में शांति तथा वैभव का आगमन होता है।
ऋषि का नाम | विशेषता | महत्व |
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ऋषि कश्यप | सृष्टि के आधार, जीवों के पालनकर्ता | वंश की वृद्धि और संतानों की रक्षा |
ऋषि अत्रि | तपस्या और ज्ञान के प्रतीक | मानसिक शांति और आत्मबल |
ऋषि भरद्वाज | वेद शास्त्र के ज्ञाता | विद्या और शिक्षा की उन्नति |
ऋषि वशिष्ठ | राम के कुलगुरु | धर्म, न्याय और आशीर्वाद |
ऋषि गौतम | न्याय और संयम के प्रतीक | दोषों से मुक्ति और पुण्य की वृद्धि |
ऋषि जमदग्नि | पराक्रम और धैर्य के प्रतीक | कठिनाइयों पर विजय |
ऋषि विश्वामित्र | मंत्रदृष्टा, गायत्री मंत्र के रचयिता | आत्मोन्नति और शक्ति |
ऋषि पंचमी का व्रत न केवल पापों का नाश करता है बल्कि साधक के भीतर आत्मिक शांति और धैर्य का विकास भी करता है। यह साधना जीवन को धर्ममार्ग पर ले जाती है और मोक्ष की ओर प्रेरित करती है।
ऋषि पंचमी का पालन करने से:
सप्तऋषियों की आराधना केवल एक धार्मिक कर्मकांड नहीं है, बल्कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में संतुलन और सद्भाव बनाए रखने का मार्ग भी है। इस दिन पूरे श्रद्धा भाव से पूजा करने से मनुष्य को आत्मिक संतोष और भविष्य के लिए शुभ फल प्राप्त होते हैं।
अनुभव: 32
इनसे पूछें: जीवन, करियर, स्वास्थ्य
इनके क्लाइंट: छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश
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