By पं. संजीव शर्मा
एकादश भाव में केतु के शुभ-अशुभ प्रभाव, करियर, विवाह और जीवन पर असर, राशि अनुसार फल, योग और उपाय
वैदिक ज्योतिष में एकादश भाव को लाभ, इच्छाओं की पूर्ति, सामाजिक प्रतिष्ठा और मित्र मंडली का भाव माना जाता है। जब केतु इस भाव में स्थित होता है, तो यह व्यक्ति को अनोखे अवसर, अप्रत्याशित लाभ और जीवन के उत्तरार्ध में स्थिरता प्रदान करता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति की लोकप्रियता, धनार्जन के साधन और सामाजिक प्रभाव बढ़ सकते हैं, साथ ही जीवन के कुछ चरणों में चुनौतियां भी आ सकती हैं।
क्षेत्र | संभावित लाभ |
---|---|
व्यक्तित्व | आकर्षक और तेजस्वी, प्रभावशाली आभा |
स्वभाव | दयालु, उदार, संतुष्ट और परोपकारी |
शिक्षा | उत्तम शिक्षा, शास्त्रों का ज्ञान |
प्रतिष्ठा | लोकप्रियता, सरकारी या उच्च पदाधिकारियों से सम्मान |
धनार्जन | अनेक स्रोतों से आय, आभूषण और ऐश्वर्य की प्राप्ति |
ग्यारहवें भाव का केतु व्यक्ति को न केवल धनवान बनाता है, बल्कि एक सम्मानित और बुद्धिमान वक्ता भी बना सकता है। यह स्थिति आध्यात्मिक या धार्मिक कार्यों के माध्यम से भी लाभ दे सकती है।
क्षेत्र | संभावित हानि |
---|---|
स्वास्थ्य | पेट संबंधी रोग |
संतान | संतान से चिंता |
व्यवहार | स्वयं के हाथों अपनी हानि कर लेना |
संबंध | कुछ मित्रताओं में तनाव |
अशुभ स्थिति में, व्यक्ति के प्रयास लंबे समय तक निष्फल हो सकते हैं और तीस वर्ष की आयु तक आर्थिक अस्थिरता रह सकती है।
स्थिति | प्रभाव |
---|---|
सप्तमेश अशुभ | जीवनसाथी की मृत्यु के कारण पुनर्विवाह संभव |
संबंध | युवावस्था में वाद-विवाद, लेकिन बाद में स्थिर और सहयोगी रिश्ता |
प्रेम विवाह | लव पार्टनर से विवाह की संभावना |
राशि | प्रभाव |
---|---|
वृषभ | नीच केतु, भावनात्मक और भौतिक चुनौतियां, फिर भी सहानुभूतिपूर्ण स्वभाव |
वृश्चिक | उच्च केतु, शोध, गूढ़ विद्याओं में दक्षता और आर्थिक वृद्धि |
योग | प्रभाव |
---|---|
पदम कालसर्प योग | दांपत्य जीवन में तनाव, शिक्षा और जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर ध्यान आवश्यक |
प्र1: क्या एकादश भाव में केतु धनवान बनाता है?
हाँ, विशेषकर चालीस वर्ष के बाद प्रचुर धनार्जन की संभावना होती है।
प्र2: क्या यह स्थिति करियर में सफलता देती है?
हाँ, राजनीतिक, मीडिया और सरकारी क्षेत्रों में सफलता मिल सकती है।
प्र3: क्या विवाह जीवन प्रभावित होता है?
सप्तमेश अशुभ होने पर पुनर्विवाह की संभावना है, अन्यथा स्थिरता रहती है।
प्र4: क्या यह भाव आध्यात्मिक लाभ भी देता है?
हाँ, धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों से लाभ संभव है।
प्र5: अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय क्या हैं?
गणपति पूजन, मंत्र जाप, दान और नकारात्मक संगति से दूरी।
अनुभव: 15
इनसे पूछें: पारिवारिक मामले, आध्यात्मिकता और कर्म
इनके क्लाइंट: दि., उ.प्र., म.हा.
इस लेख को परिवार और मित्रों के साथ साझा करें