By पं. संजीव शर्मा
दशम भाव में केतु के शुभ-अशुभ प्रभाव, राशि अनुसार फल, योग और उपाय
वैदिक ज्योतिष में दशम भाव को कर्म, प्रतिष्ठा, व्यवसाय, पद और सम्मान का भाव कहा जाता है। जब केतु इस भाव में स्थित होता है, तो यह व्यक्ति के व्यक्तित्व, पेशेवर जीवन और सामाजिक पहचान को एक विशेष दिशा देता है। इसका प्रभाव व्यक्ति के गुणों को निखार सकता है या कुछ चुनौतियां भी ला सकता है।
क्षेत्र | संभावित लाभ |
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व्यक्तित्व | तेजस्वी, बलवान और आकर्षक व्यक्तित्व |
बुद्धि और ज्ञान | विभिन्न शास्त्रों में दक्षता, आत्मज्ञान, शिल्पकला में निपुणता |
सामाजिक प्रतिष्ठा | विरोधियों तक का सम्मान और प्रशंसा |
करियर | व्यवसाय में सफलता, पदोन्नति, सरकारी लाभ |
मानवता | ज़रूरतमंदों के लिए दयालुता और सहायता का भाव |
शुभ केतु दशम भाव में व्यक्ति को नेतृत्व क्षमता, सामाजिक लोकप्रियता और अपने क्षेत्र में सम्मान प्रदान करता है। यह स्थिति अक्सर व्यक्ति को अपने कार्यक्षेत्र में ऊंचाई पर पहुंचाती है और कठिन प्रतिस्पर्धा में भी विजयी बनाती है।
क्षेत्र | संभावित हानि |
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पारिवारिक संबंध | माता-पिता में से किसी एक के सुख में कमी, पिता को लेकर चिंता |
व्यवहार | अहंकार, व्यर्थ के कामों में समय और ऊर्जा का अपव्यय |
स्वास्थ्य | गुदा, पांव, वात रोग |
संपर्क | पराए संबंधों में अधिक रुचि, मानसिक असंतोष |
सुरक्षा | वाहन और पशुओं से संबंधित भय या पीड़ा |
अशुभ स्थिति में यह व्यक्ति को जल्दबाज़ी में निर्णय लेने, अनावश्यक विवादों और शॉर्टकट अपनाने की प्रवृत्ति दे सकता है।
राशि | प्रभाव |
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वृषभ | नीच केतु, जीवन में चुनौतियां, लेकिन सहानुभूतिपूर्ण स्वभाव |
वृश्चिक | उच्च केतु, गूढ़ विषयों में शोध और ज्ञान की गहराई |
मेष, सिंह | साहसी निर्णय, करियर में तेज़ी से प्रगति |
कर्क, मीन | सामाजिक योगदान में वृद्धि, लेकिन भावनात्मक चुनौतियां |
योग | प्रभाव |
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शंखपाल कालसर्प योग | माता-पिता से संबंधों में तनाव, जीवन पर व्यापक प्रभाव |
मंगल/शनि से संबंध | राजनैतिक संरक्षकों के साथ जटिल स्थितियां |
शनि के गोचर का प्रभाव | 28 वर्ष के बाद परिवहन संबंधी समस्याओं का समाधान |
प्र1: क्या दशम भाव में केतु करियर में सफलता देता है?
हाँ, शुभ स्थिति में यह पदोन्नति और सम्मान दिला सकता है।
प्र2: क्या यह राजनीति में सफलता का संकेत देता है?
शीर्ष पदों की संभावना कम, लेकिन सलाहकार और सहयोगी के रूप में सम्मान मिलता है।
प्र3: क्या इस स्थिति में यात्रा से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं?
हाँ, विशेषकर वाहन या परिवहन के साधनों से असुविधा की संभावना रहती है।
प्र4: क्या अशुभ दशम भाव का केतु पारिवारिक संबंधों को प्रभावित करता है?
हाँ, माता-पिता में से किसी एक के सुख में कमी आ सकती है।
प्र5: अशुभ प्रभाव कम करने के उपाय क्या हैं?
गणपति पूजा, मंत्र जाप, दान और वाहन संबंधी सतर्कता।
अनुभव: 15
इनसे पूछें: पारिवारिक मामले, आध्यात्मिकता और कर्म
इनके क्लाइंट: दि., उ.प्र., म.हा.
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